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कंकाली मंदिर में 45 डिग्री झुकी है मां की गर्दन:30 साल से जल रही अखंड ज्योति; 1731 में जमीन से निकली थी प्रतिमा

पत्रकार भोपाल प्रवीण कुमार दुबे

दिन में तीन बार बदलता है मां का रूप; नवरात्र में लग रहा भक्तों का तांता। - Dainik Bhaskar

दिन में तीन बार बदलता है मां का रूप; नवरात्र में लग रहा भक्तों का तांता।

चैत्र नवरात्र में सभी देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। प्रसिद्ध देवी धामों में तो लाखों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं। रायसेन जिले के भोजपुर विधानसभा के गुदावल गांव में करीब 400 साल पुराना मंदिर मां कंकाली धाम के नाम से प्रसिद्ध है। यहां मां कंकाली की मूर्ति की गर्दन 45 डिग्री तक झुकी हुई है।

मान्यता है कि मंदिर में भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। मां कंकाली के दरबार में लगभग 30 साल से अखंड ज्योति जल रही है। इसके अलावा लोगों का मानना है कि मां कंकाली दिन में तीन बार अपना स्वरूप बदलती है, इसका एहसास यहां आने वाले हर भक्तों को होता है।

यहां सालभर भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
यहां सालभर भक्तों की भीड़ लगी रहती है।

जमीन की खुदाई कर निकाली थी प्रतिमा मंदिर समिति के भुवनेश शास्त्री और आचार्य सनत पाठक के अनुसार गुदावल गांव के ही एक पटेल को माता ने सपने में दर्शन दिए थे। उन्होंने स्थान भी बताया था कि मैं जमीन के अंदर हूं। इसके बाद पटेल ने ग्रामीणों के साथ मिलकर मंदिर वाले स्थान पर खुदाई की, जिसमें माता की प्रतिमा निकली थी। मंदिर 150 साल पहले बना था जबकि प्रतिमा सन 1731 में निकाली गई थी।

यहां मां काली की 20 भुजाओं वाली मूर्ति के साथ भगवान ब्रम्हा, विष्णु और महेश की प्रतिमाएं विराजमान हैं। वैसे तो यहां सालभर ही भक्तों की भीड़ लगती है। लेकिन नवरात्र में भक्तों का तांता लग जाता है।

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